जैसे जैसे टेक्नोलॉजी में परिवर्तन आता हे वैसे ही समय के साथ इंसान के व्यवहार में भी १ चीज़ आने लगती हे और वो हे डर आज डर किसी भी इंसान में सामन्य माना जाता हे मतलब हर कोई किसी न किसी चीज़ से डरता हे पर १ बार आप ही सोच के देखो की ये दर क्या हे और उसकी शरुवात कहा से हुवी इंसान कितना भी क़ामयाब क्यों न हो जाये पर अगर उसके अंदर किसी बात का डर छुपा हे तब कामियाब होते हुवे भी वो इंसान हमेशा दुखी होता हे।
कोई इंसान को डर रहता हे की भविष्य में उस से कोई आगे नहीं निकल जाये माता पिता को उसके संतान को कुछ हो न जाये उनकी सुरक्षा से जुड़ा डर रहता हे किसी को अपने भविष्य के बारे में चिंता होती हे आसान भाषा में बात करे तो डर कभी भी हकीकत में नहीं होता वो हमेशा भविष्य में होता हे और भविष्य तो अनिश्चित हे हमारी मृत्यु हमारी हाथ में नहीं हे हम भविष्य देख भी नहीं सकते फिर क्यों भविष्य के डर के बारे में हम वर्तमान में सोचते हे। आपको जान कर शायद हैरानगी होगी की किसी डर या चिंता को बार बार रोज़ सोच ने से इंसान का दिल भी धड़कना बंध हो सकता हे उसकी मोत भी हो सकती हे। इस बात को समज ने के लिए १ वास्तविक घटना लेते हे अमेरिका के मनोवैज्ञानिक की १ टुकड़ी ने १ रिसर्च किया उसमे २० लोगो को लिया और उन्हें २ टुकड़ी में विभाजित कर दिया और उनको खाने के लिए १ सामान्य गोली दी पहली टुकड़ी ने जब गोली खा ली और कहा ये सिर्फ १ सामन्य गोली हे और जब दूसरी टुकड़ी को गोली दी तब उनसे कहा ये ज़ेर की गोली थी और अब ५ मिनिट में तुम्हारी मोत हो जायेगी हमसे गोली देने में चूक हो गयी हे तब १० में से १ इंसान को कुछ होने लगा पहले डर के मारे उसका दिमाग काम करना बंध हो गया और थोड़ी देर बाद उसे दिल का दौरा पड़ गया और उसकी मोत हो गयी सारी गोली १ समान ही थी फिर भी १ इंसान की मोत हो गयी क्युकी उसने सच में मान लिया की उस गोली में ज़ेर हे।
वास्तव में हमारे साथ भी कुछ इस प्रकार की ही घटना बनती हे इंसान हमेशा हकारात्मक से ज़्यदा नकारात्मक बात सोचते हे कभी कभी हम जो सोचते हे ऐसा बिलकुल नहीं होता और १ छोटे से डर को मन में रख कर हम अपनी ही मोत को बुलाते हे हकीकत में डर से डर ने की कोई ज़रुरत नहीं हे उसका काम सिर्फ हमें कमज़ोर बना ने का और और कुछ नहीं अब आपको लगता होगा की आखिरकार ये डर से दूर कैसे हो जाये और हकारात्मक बात ज़्यादा कैसे सोचे तो उसका सिर्फ १ ही रास्ता हे की अपने मन को स्थिर कर लो क्युकी सब चीज़ जो हमारे भीतर चल रही हे उसका मूल मन ही हे अगर आप ने अपने मन पर विजय प्राप्त कर ले तो इस दुनिया का कोई भी चीज़ या कोई भी बात आप को डरा नहीं सकती और मन को काबू में लाने का केवल एक ही मार्ग हे वो हे ध्यान योग आपके हर सवाल हर चिंता का जवाब बाद में आपका मन ही देगा।
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