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kahani Purva janam ki (Bhaag 2) - कहानी पूर्व जन्म की (भाग २ )

         भाग १ में हमने देखा की गीता के जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा था और १ दिन गीता को गाँव से पत्र आता हे जिसमे लिखा होता हे की आप की माता जी की मृत्यु हो गयी हे गीता अभी इस सघमे से बहार आयी भी नहीं थी और १ बहोत बड़ा सच उसके सामने आया की गीता की माता की मृत्यु अकस्मात में नहीं हुवी थी उनकी हत्या की गयी थी। 


अब आगे.....

          गीता दूसरे दिन तुंरत ही गाँव जाने के लिये निकल गयी और वो छान बिन कर ने लगी की उसकी माता की मृत्यु सच में अकस्मात था या किसी ने इसे अकस्मात बना ने की साजिश थी गाँव में पडोशीयो से पूछ परछ कर ने लगी और ये बात गीता की माँ के हतियारो को भी पता चल गयी इस लिए हटियाराओ ने गीता को भी मार ने की योजना बनाली १ दिन रात को गीता के घर ३ लुटेरे आते हे ये वही हे जिस ने गीता की माँ को मारा था वो लोग गीता को घेर लेते हे गीता गभरा जाती हे पर जब हथियारों ने कहा की उन्हों ने ही उसकी माँ को मारा हे तो गीता के अंदर उन्से लड़ने की शक्ति आ गयी पर गीता पहेले ये जानना चाहती थी की उन्हों ने उनकी माँ का ख़ून क्यों किया था तब हतियारोने ने कहा की हम जानते हे की पहले तुम्हारे घर की हालत अच्छी नहीं थी पर अचानक तुम्हारी माँ के पास बहोत पैसे आने लगे ये वही पैसे थे जो गीता ने शहर से उसकी माँ को भेजे थे हातियारो ने कहा हमने पैसो के लिए तुम्हारी माँ को इस तरह मारा जैसे अकस्मात ही लगे ये बात सुनकर गीता ने अपना आपा खो दिया और १ हथियारे को मार ने का प्रयास किया और तभी पीछे से १ हथियारे ने गीता पर चाकू चला दिया गीता की थोड़े ही समय में मृत्यु हो जाती हे गाँव में सबको माँ बेटी की इस प्रकार मोत से काफी सघमा लग जाता हे। 

              बहोत साल बीत गये पर गाँव के लोग गीता और उसकी माँ की मोत से अभी भी दरे हुवे थे दूसरी और हथियारों अब ज़्यादा चोरी कर ने लगे और जब चाहे तब किसी को भी मर देते ये सब बहोत समय तक चला गाँव वालो को १ समय ऐसा भी लगा था की जिसने गीता और उसकी माँ का खून किया हे वही लोग अभी भी चोरी और लोगो के खून कर रहे हे पर उन में से कोई भी हतियारो को जानता नहीं था और उनके पास कोई सबूत भी नहीं था के वे उन्हें पकड़ सके गाँव मे हथियारों का दर छाया हुवा था और दूसरी और विदेश में १ नामचीन परिवार के वहा १ लड़के का जन्म होता हे उसका नाम यश रखते हे यश को बचपन से ही एक ही सपना आता की १ गाँव में कोई उसे मार रहा हे पर वो कुछ कर नहीं पा रहा हे ये सब बाते १ दिन यश ने अपने माता पिता को कही पहले तो उनको लगा की ये सब शायद १ सपना हे और कुछ नहीं हे पर जैसे जैसे यश की उम्र बढ़ ने लगती हे उसे गाँव के सपने भी ज़्यादा आने लगे अब उसके परिवार में सब लोग यश के लिए चिंतित हो रहे हे यश के पिता ने सोचा की पहले कोई अच्छे से मनोवैगनानिक से मिलते हे यश के माता पिता यश को ले कर दुनिया के सबसे अच्छे मनोवैगनानिक के पास ले गये डॉकटर ने यश से उसके सपने के बारे में सब पूछा और यश ने सब कुछ ऐसे बताया की मानो उसका जन्म उस गाँव में ही हुवा हे और कोई उसे बार बार उस गाँव की और खींच रहा हे डॉकटर से यश ने बहोत बात की और डॉकटर ने कहा की आपके बेटे का इलाज उसी गाँव में छुपा हे आप जल्द से जल्द उस गाँव में जाने की तैयारी करिये में भी आपके साथ आ रहा हूँ। 

kahani purva janam ki (bhaag 2)


               दूसरे ही दिन यश उसके माता पिता और डॉकटर गाँव के लिए निकल गये गाँव के नज़दीक़ पोहचते ही यश को १ अलग ही अहसास हुवा जाने किसी ने उसके कान में ऐसा कहा की तुम आ गये गाँव के लोग कबसे तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हे ये बात सुन कर यश अपनी आँख खोलता हे और कार से बहार देखा तो उसे अब सब कुछ याद आ रहा था उसने डॉकटर को अपनी स्कूल दिखाई और बाद में उसके अधियापको से भी मिलाया अधियापको ने यश को पहचाना नहीं पर यश ने अधियापको से कहा में वही हूँ जिसे आप लोगो ने शहर पढाई कर ने भेजा था और उसकी माँ की मृत्यु आग लगने से और उसकी मृत्यु चाकू लग ने से हहुए थी ये सब बात सुनकर सब हैरान हो गये की ७ साल के लड़के को ये सब बाते कैसे पता गाँव वालो ने पूछा तुम आख़िरकार हो कौन और तुम्हे ये सब बाते कैसे पता चली तब यश बोलता हे की में ही गीता हु और में मेरी और मेरी माँ के हथियारों को यहाँ सजा दिलाने आया हूँ सब लोग यश की बात सुन कर परेशान हो गये पर डॉकटर ये सब कुछ समज गये थे उसने यश के माता पिता और गाँव वालो को समझाया की यश अपने आगे के जन्म में गीता नाम की १ लड़की थी उसकी और उसके माँ की बहोत बेरहमी से किसी ने हथिया कर दी थी वो हथियारे अभी भी पकडे नहीं गये हे इस लिए वो हथियारों को पकड़ ने के लिए यहाँ आयी हे गाँव में सभी जगह ये बात फेल गयी और हथियारों को भी पता चल गया की यश नाम का १ लड़का आगे के जन्म में गीता थी पर उन लोगो ने इस बात को मजाक में लिया यश फिर से अपने घर गया यानि गीता के घर गया वहा जा के उसे अहसास हुवा की उसकी माँ यही हे उनको अभी भी मुक्ति नहीं मिली हे आप को बता दू की जो आवाज़ यश को गाँव की और खींच रही थे वो पूर्व जन्म की उसकी माँ ही थी गीता हथियारों को जानती थी इस लिए दूसरे ही दिन यश पुलिस के साथ हथियारों के घर पर पोहच गया और वहा बहोत सारे पैसे हीरा ज़ेवरात मिले जो सब चोरी के थे गीता की माँ को इंसाफ मिल गया अब यश फिर से अपने माता पिता के साथ घर चला गया और अब उसे कोई भी आवाज़ सुनाई नहीं देती पर उसकी हर छुट्टी हो गाँव में भी बिताता। 

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