आज की कहानी १ ऐसे इंसान के बारे में जिसके जीवन में हमेशा समस्या आती रहती हे पर आश्रय की बात ये हे की उसके जीवन में पैसो से जुड़ी समस्या कभी भी नहीं आयी थी ,धन सम्पति होने के बावजूद वो हमेशा दुखी रहता था।
कुण्डल नाम के गाँव में १ अजय नाम का इंसान रहता था भगवान की दया से उसके पास किसी चीज़ की कमी नहीं थी धन सम्पति के मामले में कभी उसे परेशानी नहीं आती थी पर उसकी किस्मत इतनी खराब थी की इतने पैसे होने के बावजूद वो हमेशा दुखी रहता था। कभी कभी तो खुद से ही कहता की मुझे पैसे नहीं चाहिए बस मेरी किस्मत अच्छी हो जाये। पर ऐसा कभी भी हुवा नहीं जिसके नसीब में जो होता हे वही उसे मिलता हे। अजय के नसीब में पैसे थे पर शांति नहीं थी।
अजय गाँव में सब से अमीर था ,पर वो कभी भी गाँव वालो की मदद नहीं करता गाँव में सब लोग अजय के पास पैसे की मदद मांग ने आते पर वो कभी भी उनकी मदद नहीं करता अजय को ऐसा लगता था की नसीब की तरह पैसे भी उसका साथ छोड़ देंगे तो वो क्या करेगा इस वजह से वो किसी को पैसे दे कर उनकी मदद नहीं करता। हर दिन अजय के जीवन में कुछ नया होता था , आएदिन वो बीमार पड़ता रहता था अजय एकेला रहता था इस लिए उनकी देखभाल कर ने के लिए भी कोई नहीं था इस लिए अजय को कुछ भी होता वो अस्पताल ही चला जाता और पैसो की कमी तो उसके पास बिलकुल भी नहीं थी पर फिर भी अजय के ज़्यादातर पैसे खुद के इलाज कराने में ही निकल जाते।
एक बार की बात हे अजय को एक गंभीर बीमारी हो गयी जिसका इलाज गाँव में नहीं था ,और उसने शहर जा के इलाज कराने की सोची पर शहर जाके पता चला की इस बीमारी का इलाज कोई नहीं ही और उसके पास अब बहोत कम समय हे ,ये सुनके अजय बहोत दुखी हो गया और फिर से गाँव जाने के लिए निकल गया। और १ रात अजय को ख्याल आया की में तो अब थोड़े दिन ही जीने वाला हु तो इतने सारे पैसो का में क्या करुंगा, तभी दूसरे दिन अजय ने सभी गाँव वालो की एक सभा बुलाइ और उनकी हर समस्या सुलझाने की जवाबदारी अपने सर ले ली जितने लोगो को पैसे से जुडी जितनी भी समस्या थी वो सब सुलज़ादी, और अचानक अजय की हालत सुधर ने लगी और वो पूरी तरह अच्छा हो गया।
इस कहानी से हमें ये सिख मिलती हे की अगर हमारे पास ज़रुरत से ज़्यादा कोई भी चीज़ हे और वो दुसरो को काम आ सकती हे तो हमें वो दे देनी चाहिए। और इसे अच्छे कर्म में गिना जाता हे।
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