रजत नाम का एक आदमी था, वो हर बार किसी ना किसी की आये दिन मदद करता रहता था लोगो की मदद करने में सबसे ज़्यादा खुश होता था और स्वभाव में भी वो बहोत अच्छा था। वो काफी धनवान था परिवार में माता पिता और दो बहने थी। पर सब की नज़र उसके पैसे पे थी क्युकी उसके पास से कोई कितने भी पैसे मांगता वो उसे ऐसे ही दे देता था।
रजत के पास इतने सारे पैसे होने से बहोत सारे लोगो के मन में उसे लूट ना चाहते थे। उन में से बहोत सारे तो रजत के दोस्त भी थे, पर रजत कभी ऐसा नहीं सोचता था वो सोचता था की वो सब मेरे दोस्त हे मेरे साथ कुछ भी बुरा नहीं करेंगे। प्रकाश विजय और करण रजत के खास दोस्त थे वो ३ हमेशा रजत के साथ रहते थे पर रजत को ये नहीं पता था की वो लोग उसके साथ नहीं पर उसके पैसे की वजह से ही उसके साथ थे रजत अब बहोत बड़ा घर लेने वाला था ताकि वो अपने माता पिता और दो बेहन के साथ आराम से रह सके। और एक दिन रजत के घर खरीद ने की बात सब को पता चल गयी रजत जिस घर में ने रहने जाने वाला था उसका बांधकाम अभी चल रहा था। और वो उसे शहर का सबसे बड़ा घर बना चाहता था। जिसकी किम्मत करोडो में थी। अब सब की नज़र रजत के पैसे और उसके नये घर पर थी उसके दोस्त तो कभी कभी रजत के पीछे चुपके से घर का बांधकाम देख ने आ जाते थे रजत को एक दिन लगा की कोई उसका पीछा कर रहा हे पर उसने ध्यान नहीं दिया। एक दिन जब रजत अपने नये घर के बांधकाम देख ने गया की वहा सब कुछ ठीक तो चल रहा हे ना, और वही कुछ दुरी पर रजत के दोस्त बैठे थे रजत की नज़र उन पर नहीं गयी पर उसके दोस्तों ने रजत को देख लिया और वो तुंरत एक दिवाल के पीछे जा के छुप गये और देख ने लगे की रजत क्या कर रहा हे। तभी प्रकाश के मन में ख्याल आता हे की ये जगह शहर से काफी दूर हे अगर हम इसे यहाँ से किडनैप करके उसके परिवार से पैसे मांगे तो उसका परिवार मुंहमांगी रकम हमें देने के लिये तैयार हो जायेगे। तभी करण के मन में एक ख्याल आता हे की और कहता हे की मेरे पास ऐसा प्लान हे की हम सब लोग जितने भी चाहे उतने पैसे रजत के घर से निकाल सकते हे और किसी को पता भी नहीं चलेगा प्रकाश ने पूछा अच्छा तो जल्दी बताओ क्या प्लान हे तुम्हारा करण बोला पहले हम रजत को किडनैप कर लेंगे और उसके परिवार से ८० करोड़ की मांग करेंगे। प्रकाश बोलता हे इतने सारे पैसे क्यों और वो हमें इतने सारे पैसे देंगे। तभी करण बोलै तुम लोगो ने मेरी पूरी बात अभी नहीं सुनी हे पहले हम उसके परिवार से ८० करोड़ मांगेगे जब पैसे आ जायेगे तब हम में से कोई एक प्लास्टिक सर्जरी से रजत का चहेरा ले कर उसके घर में रजत बन कर पूरी जिंदिगी ऐशो आराम से जियेंगे प्रकाश ने कहा ये काफी अच्छा प्लान हे ये सारा प्लान करण प्रकाश और विजय ने दीवाल के पीछे चुप कर ही बनाया था और तभी वहा थोड़ी ही दुरी पर खड़ा एक चाय वाला उनकी ये सारी बाते सुन लेता हे चाय वाले ने काफी बार प्रकाश विजय और करण को रजत के पीछे छुप कर आते हुवे भी देखा था।
चाय वाले पे नज़र किसी की पड़ी नहीं और वो रजत को उसके दोस्त के सारा प्लान बता ने के लिये चला गया जब करण विजय और प्रकाश चले गए तब वो चाय वाला रजत के पास आया और उसने जो भी सुना वो सब बता दिया। पर रजत को इस बात पर विश्वास नहीं होता हे की उसके दोस्त ही उसे मारना चाहते हे जिनकी उसने हमेशा मदद की थी और चाय वाले की बात रजत ने मज़ाक में ले ली। दूसरे दिन रजत को किडनैप करने की पूरी तैयारी के साथ तीनो रजत का इंतज़ार करने लगे उन लोगो ने रजत को उसके बांधकाम वाले घर में ही किडनैप करने का प्लान बनाया ताकि किसी को शक ना हो इस लिये वही उन लोगो ने रजत का इंतज़ार करना ठीक समजा विजय को रजत के घर के बहार रह ने को कहा ताकि जब रजत घर से निकले तो वो फ़ोन करके सुचना दे। जैसे ही रजत घर के बहार निकला विजय ने तुरंत ही प्रकाश को कॉल कर दिया और रजत के वहा से निकल ने की सुचना दे दी। और दूसरी और प्रकाश और करण बांधकाम वाले घर में जाके छुप गये और रजत का आने का इंतज़ार करने लगे तभी करण बोला ये सब ठीक हे न हम जो कर रहे हे वो रजत हमारा दोस्त हे पैसो से हमेशा हमारी मदद की हे और पैसो की वजह से ही हम उसे मर रहे हे इसमें कुछ गलत नहीं हे ना प्रकाश बोला अरे ! तुम्हारे मन में ये कैसी बात आ रही हे ये सारा प्लान तो तुम्हारा ही था और अब तुम्ही रजत को किडनैप करने के लिये मना कर रहे हो। करण बोला ठीक हे तुम्हे यही सही लगा हे तो कोई बात नहीं पर अब में तुम्हारे साथ इस प्लान में नहीं हु तुम्हे जो करना हो वो करो में इस चीज़ में तुम्हारा साथ नहीं दूंगा। तभी प्रकाश करण को धमकी देता हे की अगर तुमने हमारा साथ नहीं दिया तो हम पुलिस को बता देंगे की ये सब कुछ तुमने किया हे और कहा अब तुम्हे यहाँ से जाना हो तो जा सकते हो करण बोलै ये तुम ठीक नहीं कर रहे हो। तभी पीछे से रजत की कार आती हे और रजत कार पार्क करके घर के अंदर जाता हे और थोड़े समय बाद विजय भी आ जाता हे रजत को लगा की कोई उसका पीछा कर रहा हे जैसे ही वो पीछे मूड कर देखता हे की प्रकाश उसके माथे पर सलिया मार देता हे और रजत बेहोश हो जाता हे।
प्रकाश और विजय ने मिल के रजत को बिल्डिंग में ही कही छुपा दिया और कहा अब बहोत रात हो चुकी हे उसके परिवार से पैसे हम कल मांगेगे। अब करण सिर्फ उसके साथ घूमता था पर उनकी कोई भी मदद नहीं करता था। जब दूसरे दिन तीनो बांधकाम वाली जगह पर जा रहे थे प्रकाश ने देखा की अभी भी रजत को होश नहीं आया था पर उनको ये बात नहीं पता थी की रजत जाग रहा था वो बस बेहोश होने का नाटक कर रहा था। करण ने पहले से ही रजत को सब कुछ बता दिया था जब विजय आवाज़ बदल कर रजत के घर फ़ोन करके पैसो की मांग करता था और दूसरी और रजत को पता चल गया की करण सच बोल रहा हे रजत ने बोलै मुझे एक कॉल करना हे तब करण उसे अपना फ़ोन देता हे रजत सारि बात उसकी बेहन शिक्षा को बता देता हे और कहता हे इन सब में करण का हाथ नहीं हे ये सब कुछ विजय और प्रकाश ने मिल कर करा हे एक और विजय आवाज़ बदल कर रजत के माता पिता से पैसो की मांग कर रहा था और दूसरी और रजत ने सारी सच्चाई उसकी बेहन शिक्षा को बता दी और तभी प्रकाश किसी के फ़ोन पर बात करने की आवाज़ सुनता हे वहा जाके देखता हे की रजत किसी से बात कर रहा हे और करण भी वही बैठा था प्रकाश समज जाता हे की ये सब कुछ करण ने किया हे और गुस्से में आके उसने पहले रजत को मार दिया और करण पुलिस को सच्चाई बता ने के लिये वहा से भाग गया विजय और प्रकाश ने करण का पीछा किया पर वो हाथ नहीं आया बहोत दिन तक उन्हों ने करण को ढूंढा पर वो कही नहीं मिला और एक दिन विजय ने करण को रजत की बेहन शिक्षा के साथ पुलिस स्टेशन से बहार आते हुवे देखा प्रकाश और विजय समज गये की उस दिन शायद रजत ने उसकी बहन शिक्षा को ही कॉल किया था अब रजत का खून किसने किया था वो बात २ लोग जानते थे एक करण और दूसरी शिक्षा।
प्रकाश और विजय ने अब शिक्षा और रजत को मारने का प्लान बनाया और उनको अब पैसे नहीं चाहिए थे वो सिर्फ पुलिस से बचना चाहते थे इस लिए विजय ने रजत के घर पे कॉल करके पैसे १० दिन बाद देने को कहा प्रकाश और विजय एक सही मोके की तलाश कर रहे थे की कब वो दोनों एक साथ मिले और वो उनको मार दे और तभी एक दिन जब वो फिर से एक साथ पुलिस स्टेशन से बहार आते हुवे देखे तो वो मौका उनको मारने के लिए सही समजा जैसे ही वो लोग बहार आये प्रकाश ने एक बस की ब्रेक फ़ैल कर दी और वो बस तेज़ी से रजत और शिक्षा की और बढ़ी और तभी अचानक बस ने अपना रास्ता बदल दिया ऐसा लगता था कोई ये चाहता नहीं था की रजत और शिक्षा की मोत हो और तभी पीछे से एक कार आके विजय और प्रकाश को टक्कर मारके चली जाती हे सोचने की बात ये थी की उस कार की ब्रेक किसने फ़ैल की थी तभी वो लोग रजत को वहा देखते हे और उनकी मोत हो जाती हे। करण ने कहा मुझे माफ कर दो ये सब कुछ मेरी वजह से हुवा हे रजत ने कहा तुमने कुछ नहीं किया हे तुमने तो उस दिन मेरी मदद की थी अगर तुम शिक्षा के साथ मेरी बात नहीं कराते तो मेरी मोत एक राज़ बन कर ही रह जाती, यहाँ गलती सिर्फ मेरी थी वो चाय वाला सच बोल रहा था पर उसे भी मेने गलत समझा।
रजत ने कहा आज से मेरे परिवार के साथ मेरी पूरी जायदात तुम्हारी हे मेरी बेहन का हाथ रक्षाबंधन के दिन खाली भी नहीं रहेगा और तुम दोनों के अलावा किसी को मेरी मोत के बारे में पता भी नहीं चलेगा। शिक्षा ने पूछा ऐसा कैसे हो सकता हे तभी रजत बोलै बेहन प्लान यही था अब उसे ही आगे बढ़ा ना पड़ेगा माता पिता मेरी मोत का सघमा बर्दाश नहीं कर पायेगे इस लिये अब करण मेरा चेहरा ले के रजत बन कर तुम सब का ध्यान रखेगा करण बोला नहीं ये प्लान कभी भी सही नहीं था। रजत बोला में जनता हु तुम अब पहले जैसे नहीं रहे इसी लिए मेरे परिवार को संभाल ने की ज़िम्मेदारी में तुम्हे देता हु करण की आँख में आँसू आ जाते हे और कहा में अपने आप को कभी भी माफ़ नहीं कर पाउँगा रजत बोला जिस दिन एक बेटा और भाई दोनों की ज़िम्मेदारी मेरी तरह संभाल ली उस दिन में तुम्हे माफ़ कर दूंगा। करण बोला ठीक हे अब में मेरी पूरी ज़िन्दगी तुम्हारे जैसा बन कर ही बिताऊंगा। बाद में रजत चला जाता हे और करण ने प्लास्टिक सर्जरी करके रजत बन कर उसके घर रह ने लगा और रजत के जैसे ही उसके परिवार की देखभाल करता रहा।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box.