आज की मेरी कहानी तीन भाई की हे 1 का नाम मीत दुसरे का नाम भरत और तीसरे भाई का नाम विजय मीत तीनो में सबसे बडा भाई था दोनों भाई हमेशा उसका आदर सन्मान करते बड़े भाई मीत हमेशा से भगवान श्री कृष्णा का भक्त था बचपन से उनकी सेवा पूजा में ही व्यस्त रहता तीनो भाइयो में विजय सबसे छोटा था तीनो का बचपन बहुत अच्छी तरह से गुज़रा पहला भाई मीत भगवान की सेवा पूजा करने में अवल्ल था दूसरा भाई भरत पढ़ने में बहुत अच्छा था और तीसरा भाई विजय सबसे छोटा था और उसमे दोनों भइओ की थोड़ी थोड़ी आदते थी पर तीनो के बिच में प्यार की कोई कमी नहीं हर सुख दुःख में तीनो भाई 1 साथ रेहते और इससे उनके माता पिता काफी खुश थे।
1 दिन ऐसा आया तीनो भाईओ के माता पिता की अकारण मृत्यु हो जाती हे तब तीनो भाई बहोत छोटे थे मीत घर में सबसे बड़ा था तो दोनों भाइयो को संभालने के ज़िम्मेदारी मीत पर आ गयी थोड़े दिन घर में कुछ राशन और पैसे थे उसमे तीनो भाई का गुज़ारा होता पर मीत हमेशा खाना कम खाता था ताकि उसके दोनों भाई को भी उसके हिस्से का खाना मिल जाये 1 दिन सब राशन ख़तम हो गया और तीनो भाइयो के स्कूल की fees चुका सके उतने पैसे भी नहीं थे तो बड़े भाई ने बहोत सोच समज कर ये निर्णय लिया की विजय और भरत स्कूल में पढ़ेंगे और मीत कमाने के लिए कुछ काम करेगा मीत अपने दोनों भाइयो को बहोत प्यार करता था उनकी पढाई में कोई भी समस्या ना आये उस बात का पूरा ध्यान रखता अब दोनों भाइयो की पढाई खत्म हो गयी थे और वे काम करने के लिए बहार जाना चाहते थे ताकी वो ज़्यादा पैसे कमा सके मीत को इस बात से थोड़ा दुःख हुवा क्युकी तीनो भाई कभी भी अलग नहीं हुवे थे पर दोनों भाइयो की ख़ुशी के लिए उनको जाने दिया और मीत ने जितने भी पैसे बचाये थे वो सारे तीनों भाइयो में बाट दिये और मीत ने अपना स्वार्थ ना देख के दोनों भाइयों को ख़ुशी ख़ुशी दिया।
दोनों भाई शहर काम कर ने के लिए चले गये मीत को पैसे कमाने की थोड़ी भी चिंता नहीं थी क्युकी वो जानता था भगवान हमेशा उसकी मदद करेंगे दूसरी और विजय और भरत शहर में काम कर ने लगे और थोड़े ही दिन में वो शहर के सबसे अमीर इंसान में से 1 हो गये थे और इस वक्त दोनों भाइयो में से किसी को भी बड़े भाई मीत की याद नहीं आयी क्युकी भरत और विजय सिर्फ पैसे कमाने में भी लगे थे मीत हमेशा विजय और भरत दोनों को पत्र लिखता पर उनका कोई जवाब नहीं आता मीत गाँव में कुछ छोटा मोटा काम करता और हमेशा खुद से ज़्यादा भगवान की सेवा पूजा में पैसे खर्च करता और बचत तो लगभग ना के बराबर होती थी पर उसे सिर्फ 1 बात पता थी की भगवान उसे संभाल लेंगे इसी प्रकार बहोत समय बीत गया 1 और भगवान मीत की भक्ति से बहोत खुश हो गये और मीत को 1 दिन सोने हीरा से भरी 1 गुण मिली पर मीत ने वो नहीं ले क्युकी वो उसकी नहीं थी भगवान उसकी इस निर्मल स्वभाव से बहोत प्रसनन हो गए और 1 दिन सपने में भगवान मीत को मील ने आये और उन्होंने 1 वर्दान मांग ने को कहा मीत बहोत सोच पड़ गया की क्या मांगु सबसे पहला ख्याल उसे अपने तीनो भाइयो को फीर से 1 साथ लाने का आया भगवान ने मीत के मन की बात जान ली और भगवान ने कहा ये सब धन सम्पति तुम रखलो बहोत जल्द यही तुम्हे तुम्हारे भाइयो से मिला देगा ये बात सुनकर मीत खुश हो गया उसने धन सम्पति सिर्फ अपने दोनों भाइयो के लिए ले ली और उसे छुपा कर रख दिया।
दूसरे दिन भरत और विजय के जीवन में बहोत बड़ा तूफान आ गया 1 ही दिन में दोनों को बहोत बड़ा नुकसान हो गया और उनकी मिल में भी आग लग गयी मुसीबत के समय उनको अपने बड़े भाई मीत की याद आ गयी और पैसे की मदद मांग ने वो मीत के पास चले गए मीत की हालत देख के दोनों भाइयो को पता चल गया की पैसे के मामले में भैया हमारी कोई मदद नहीं कर सकते फिर भी सोचा 1 बार मांग के देख लेते हे दोनों भाई कुछ बोले उसके पहले ही मीत ने सारा खजाना दोनों भाइयो को दे दिया विजय ने कहा आपको कैसे पता चला की हमे पैसो की ज़रुरत हे तब मीत ने रात की सारी बाते दोनों भाइयो को कही दोनों भाइयो को जान कर पहले तो हैरानी हो गयी की इतनी ख़राब हालत में भी उन्हों ने भगवान से खुद के लिए नहीं पर हमारे लिए मांगा दोनों भाइयो को अपनी गलती का अहसास हो गया और तीनो भाई फिर से 1 साथ रेहने लगे तीनो भाइयो ने मिल कर गाँव में ही लोगो को मुफ्त में खाना खिलाने की संस्था खोल दी और फिर से पैसे कमाने की लालच नहीं करेंगे और तीनो भाई अलग भी नहीं होंगे ये कसम खा ली।
nice
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