सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Andhe bete ki kahnai - अंधे बेटे की कहानी

         


              अजय नाम का एक लड़का था बचपन से ही वो अँधा था। अपने माता पिता से वो बहोत प्रेम करता था क्युकी उसके माता पिता ने कभी भी उसके अंधेपन को उसकी कमज़ोरी नहीं समजी थी और उनके प्यार में कभी कोई कमी नहीं आयी थी। अजय बचपन से ही माता पिता का बहोत ख्याल रखता था हमेशा उनकी सेवा करने में ही व्यस्त रहता था। वो कुछ देख तो नहीं सकता था पर किसी को चुकार ही बता देता की वो कौन हे। घर में वो अपने माता पिता कोई काम नहीं करने देता था। खाना भी वही पकाता था। अंधे होने के बावजूद वो आम आदमी की तरह सब कुछ कर सकता था। 

         अजय अब चाहता था की वो बहार जाके कुछ पैसे भी कमाये वो पूरी ज़िंदगी अपने माता पिता पर निर्भर हो के बिताना नहीं चाहता था। अजय ने उसकी जॉब करने की बात उसके माता पिता से कही पहली बार में तो उसके माता पिता ने उसे जॉब करने के लिये मना कर दिया पर अजय के बहोत जिद करने के बाद उसके माता पिता मान गये। उन्हों ने अजय से पूछा की तुम आखिर काम कोनसा करना चाहते हो अजय ने कहा इतने सालो से खाना पका और आपको मेरे हाथ का बना खाना पसंद भी हे तो मेरी एक होटल में काम करने की ख्वायिश हे। अजय के पिता ने कहा हाँ तुम्हारे हाथ का बना खाना तो बहोत अच्छा होता हे। बाद में अजय और उसके पिता एक के बाद एक होटल में जाने लगे। पर अजय को किसी होटल में काम नहीं मिलता हे सब होटल वाले अजय और उसके पिता को एक ही बात बोलते की हम यहाँ किसी अंधे को काम पर नहीं रख सकते उन होटल वालो ने अजय की सिर्फ एक ही बात देखि की वो देख नहीं पाता पर उन्हों ने उसके हुनर को कभी भी देखा ही नहीं। 

        अजय और उसके पिता हार मन्ना नहीं चाहते थे। और बहोत समय बाद जब अजय और उसके पिता एक होटल की मुलाकात पे गए वहा अजय के पिता ने होटल के मालिक से कहा की आप मेरे बेटे को एक मौका दीजिये वो आपको निराश नहीं करेगा होटल के मालिक ने कहा ठीक हे में आपके बेटे को उसकी योग्यता साबित करने के लिए एक मौका देता हु। अगर मुझे उसके हाथ का खाना पसंद आ गया तो में आज ही उसको यहाँ काम पे रख लूंगा। अजय ने जल्दी से खाने में उसकी सबसे बेहतरीन डिश बना दी और बड़े प्यार से मैनेजर को परोसा। मैनेजर ने डिश चखी और अजय के हाथ की डिश उनको पसंद आ गयी मैनेजर ने उसी दिन से अजय को काम पर रख लिया। अजय के हाथ का खाना हर किसी के ज़ुबाँ पे छा गया था। इसी लोग बार बार उसी के होटल में खाना खाने आते थे। अजय की वजह से अब वो होटल देश की सबसे प्रिय होटल बन चुकी थी। अजय ने सिर्फ लोगो की भूख नहीं मिताई थी पर लोगो का दिल ही जित लिया था। होटल के मैनेजर ने खुश हो कर अजय की सैलरी भी बढ़ा दी। अब उसके पिता को कोई काम करने की ज़रूरत नहीं थी अजय के पैसो से पुरे घर का खर्चा बड़े आराम से निकल जाता था और साथ साथ बचत भी होती थी। 

          इस कहानी से हमें ये सिख मिलती हे की इंसान चाहे तो उसकी कमज़ोरी को उसकी ताकत भी बना सकता हे बस आप अपने आप पर विश्वास रखो। समय को कुछ समय दो सब कुछ ठीक हो जायेगा  इस दुनिया में ऐसे बहोत लोग होंगे जो आपको हमेशा गिराने का प्रयास करेंगे। मेरी एक बात हमेशा याद रखना इस दुनिया में सिर्फ एक ही इंसान हे जो आप को हरा सकता हे और वो आप खुद हो। जल्द ही मिलेंगे एक नयी कहानी के साथ आप का दिन शुभ हो। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

bhagwan ke bhakt ki kahani -भगवान के भक्त की कहानी

             एक बार की कहानी हे जिमर नाम का भगवान का एक बहोत बड़ा भक्त था। उसने अपना पूरा जीवन भगवान की सेवा पूजा में ही बिताया पहले वो भगवान को भोग चढ़ाता बाद में उनके भोग में जो सामग्री होती उसे ही खाता। कोई भी स्वार्थ के बिना वो भगवान की सेवा करता रहा पर उसके जीवन में हमेशा कोई ना कोई समस्या आती रहती थी। भगवान का इतना बड़ा भक्त होने के बावजूद उसके साथ जीवन में कुछ अच्छा नहीं हो रहा था।             बचपन में ही जिमर के माता पिता की अकारण मृत्यु हो जाती हे और उनका गाँव में कोई नहीं था जिस वजह से जिमर अकेला ही गाँव में रहता था वो गाँव में ही कुछ छोटा मोटा काम कर के जो पैसे मिलते उससे  अपने भगवान की सेवा पूजा करता। इस प्रकार ही उसका बचपन गुज़रा, गाँव में सब को पता था की जिमर के कोई भी रिश्तेदार नहीं हे और वो गाँव में अकेला रहता हे इस लिए १ दिन लुटेरों ने जिमर के घर चोरी कर ने की सोची, एक दिन जिमर को कुछ काम के लिए थोड़े दिन गाँव से बहार जाना पड़ा और लुटेरों ने ये वक्त चोरी के लिए ठीक समजा और जिनर के घर चोरी कर ने के लिए चले गए चोरो ने जिनर के घर में पैसे की एक कोड़ी भी नहीं मिली जहा द

Duniya ka sabse pahla pyar - दुनिया का सबसे पहला प्यार

                  आज की कहानी बहोत खास होने वाली हे क्युकी ये कहानी ५००० साल पुरानी दुनिया के सबसे पहले प्यार की हैं  ऐमन और लुइ एक दूसरे से बहोत प्यार करते थे और जल्द शादी करने वाले थे ऐमन पुलिस अफसर था एक दिन जब ऐमन एक खूनी को पकड़ ने जाता हे उसे पता चलता हे की खूनी एक शादी में गया हे ऐमन तुरत उसे पकड़ ने के लिए वहा चला गया। खूनी ने ऐमन को देख लिया इस लिए उसने वहा से भाग ने का प्रयास किया और ऐमन ने उसके पैर के ऊपर गोली चलाई पर गलती से गोली दुल्हन को लग जाती हे।              खूनी वहा से भाग गया पर दुल्हन की वही पे मौत हो जाती हे। जैसे ही दुल्हन की मौत हुवी की तुंरत ही आकाश में से एक आवाज़ आयी की हे मुर्ख ! तुने एक गुनेगार को पकड़ ने के लिए एक निर्दोष की जान ले ली में तुझे श्राप देता हु की जब भी तु जिसे चाहेगा और तू उस से शादी करने की सोचेगा तो थोड़े ही दिन में उसकी मोत हो जाएगी, और किसी भी जन्म में तेरी उसके साथ शादी नहीं होगी।  ऐमन ने तुंरत भगवान से माफ़ी मांगी और कहा हे प्रभु मुझे इतनी बड़ी सजा मत दीजिये पर भगवान ने उसे माफ नहीं किया। भगवान के श्राप की वजह से लुइ की मौत हो गयी क्योकि दोनों

bhakt aur bhagwan ki katha -भक्त और भगवान की कथा ।

                 आज की कहानी १ भक्त और भगवान की हे मंडल नाम का एक गाँव था। वहा गोविंद और गुणी नाम के १ दम्पति रेहते थे। वो भगवान श्री कृष्णा के बहोत बड़े भक्त थे संध्या के समय हर रोज़ गोविंद नदी के तट पर जाता और भगवान का ध्यान धरता। गोविंद की पत्नि स्वभाव में बिलकुल उसके जैसा था और उनकी पत्नी का नाम गुणी था। वो अपने पति को ही भगवान मान कर उनकी हर बात मानती और भगवान की सेवा पूजा में भी अपने पति की मदद करती उनसे मिल कर ऐसा लगता जानो कृष्णा भक्त मीरा और श्री राम पत्नी सीता दोनों के ही गुण बराबर मात्रा में थे।              गोविंद कुछ भी काम धंधा नहीं करता था उसने अपना पूरा जीवन भगवान के भरोसे ही छोड़ दिया था गुणी घर में ही भगवान के लिए खिलोने बनाती और बहोत ही कम किम्मत में दुसरो को दे देती। घर में पैसे की बचत करना असंभव जैसा था। गुणी हमेशा अपने पति से कहती की भगवान हर बार तो हमारी मदद कर ने नहीं आ सकते। पर गोविंद एक ही बात बोलता जब इतने साल तक भगवान ने मुझे कोई भी कस्ट नहीं दिया हे तो आगे भी नहीं देंगे तुम बस भगवान पर विश्वास करो।             एक दिन ऐसा आया जब गोविंद के घर में सब अ