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School Ka Pehla Pyar Part -1

जब भी स्कूल के बारे में हम सोचते हे तब आँखों में ख़ुशी के आँसू और चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान आहि जाती हे। क्युकी स्कूल से हमारी बहोत सारी यादे जुडी होती हे।  हमारा पहला किसी के साथ जगदा भी स्कूल में ही होता है पहली दोस्ती भी स्कूल में होती हे हमारा सबसे मासूम प्यार भी स्कूल में भी मिलता है, हाँ वो बात अलग है की वो मिलता कभी भी नहीं है। और पहली बार सबसे ज़्यादा हम स्कूल जाते समय ही रोये थे। ऐसी ही और भी कही सारी यादे स्कूल के साथ जुडी होती हे। और आप को पता तो चल ही गया होगा की आज की मेरी कहानी किस बारे में है। 

       School Ka Pehla Pyar ये कहानी १० भाग में होगी हर भाग में आपको एक नयी स्कूल के प्यार की कहानी देखने को मिलेगी। जिस तरह आपने मेरी कहानी  Duniya Ka Sabse Pehla Pyar  को पसंद किया है में आशा करता हु मेरी ये कहानी भी आपको पसंद आएगी। 

          आज की कहानी अमन और पूजा की है।  अमन पढाई में कमज़ोर था पर खेल कूद में सबसे आगे था पढाई के अलावा अमन सब चीज़ में बेहतर था। और पूजा अमन की बिलकुल विपरीत थी उसे सिर्फ पढाई करना अच्छा लगता था पूजा को पुस्तके इतनी पसंद थी की उससे बड़े बच्चो की भी पुस्तके वो पढ़ा करती। पूजा अमन दोंनो एक दूसरे से बिलकुल अलग थे। दोनों एक दूसरे से ज़्यादा बात नहीं करते थे। जब परीक्षा नज़दीक आती थी तब अमन पूजा की मदद ले लेता था। परीक्षा में थोड़े दिन ही बाकि थे और अमन को कुछ भी नहीं आता था इस लिए अमन पूजा के पास जा के कहा की मुझे ये समज नहीं आ रहा है। पूजा ने पूछा पर क्या नहीं समज आ रहा है। अमन बोला ये बुक पूरी समज नहीं आ रही है। पूजा ने कहा परीक्षा थोड़े दिनों में आने वाली है, में इतना जल्दी तुम्हे पूरी बुक नहीं पढ़ा सकती। अमन थोड़ा उदास हो गया। बाद में अमन ने अपना ब्रह्मास्त्र चलाया जिससे पूजा का बचना लगभग अंसभव था। अमन ने कहा में ने सोचा था तुम क्लास की सबसे होशियार लड़की हो। पर में गलत था आज मुझे पता चला। इतना बोलते ही पूजा बोली ठीक है में तुम्हे पढ़ाऊंगी। 

        घर जा कर पूजा सोचने लगी की अमन को पूरी बुक थोड़े दिन में कैसे कराऊंगी।  पूजा जानती थी की इतने कम समय में पूरी बुक कभी भी ख़तम नहीं होगी इस लिए पूजा ने सिर्फ सबसे महत्त्व के chapter अमन को पढ़ाना सही समजा दूसरे दिन क्लास में कोई भी फ्री पीरिएड मिलता या ब्रेक में पूजा अमन को पढ़ाती थी। पूजा पढ़ने के साथ साथ दुसरो को पढ़ाने में भी माहिर थी। इस लिए अमन जल्दी से सब कुछ समज गया। और अमन अच्छे मार्क से परीक्षा में पास भी हो गया। अमन के दिल में पूजा के लिए एक अलग जगह बन गयी थी। दोनों अब अच्छे दोस्त भी बन गये थे। और दोनों एक दूसरे को समज ने लगे। पूजा समज गयी की सब लोग सिर्फ पढाई में ही अच्छे हो ये जरुरी नहीं है कही लोग खेलने में भी काफी अच्छे होते है और उन्हें मौका मिले तो वो एक दिन देश का नाम भी रोशन करेंगे। 

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