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Best Collection of Hindi Stories - सबसे अच्छी हिन्दी कहानियों का संग्रह






















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bhoot ko hua pyar - भूत को हुआ प्यार

       एक बार की कहानी हे कंडल नाम के शहर में विजय नाम का एक आदमी रहता था। वो अकेला ही रहता था उसके परिवार या सगा सबंधीयो में कोई नहीं था। विजय ने कभी शादी भी नहीं की क्युकी उसे अब अकेले रह ने की ही आदत हो गयी थी। बचपन से ही उसे न माता पिता का प्यार मिला न भाई बहन का           एक दिन जब वो कुछ सब्जी लेने के लिए बहार जाता हे सब्जी लेकर घर ही जा रहा था और रास्ते में एक कार से उसको टक्कर लग जाती हे और वो बहोत दूर जाके पड़ता हे। वो सड़क पर खून से लत पत्त पड़ा रहा पर बहोत समय तक उसे कोई बचाने नहीं आया। सब लोग ने बस भीड़ जमा कर के रखी थी कोई फ़ोन में वीडियो उतार रहा था तो कोई खड़े खड़े तमाशा देख रहे थे। सब विजय को गेहर के खड़े हो गये। और तभी वहा प्रिया नाम की एक लड़की विजय को मदद करने के लिए आगे आती हे। उसने तुरंत एम्बुलेंस को फ़ोन किया। एम्बुलेंस को आयी की तुंरत ही विजय के साथ एम्बुलेंस में बैठ गयी विजय के शरीर में से काफी खून बह रहा था। इस लिए प्रिया ने अपने दुपट्टा का थोड़ा कटका फाड़ के विजय का खून रोक ने का प्रयास कर रही थी। पर विजय का...

ek aisi ghatna jo sach bhi ho sakti hai -एक ऐसी घटना जो सच भी हो सकती हे !

          आज की ये स्टोरी आप को सोच ने पर मजबूर कर देगी की हकीकत में ऐसा सच में हो सकता हे या ये सिर्फ एक केवल कल्पना के आलावा और कुछ नहीं हे           ये कथा १ गोविंद नाम के लड़के की हे गोविंद को बचपन से हे ध्यान योग में बहोत रूचि थी जिस उम्र में बच्चे खेलते थे उस समय गोविंद स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस जैसे महान सिद्ध पुरुष के कहानिया पढता था और दूसरी और वो पढाई में भी बहोत अच्छा था गोविंद का पूरा बचपन महान पुरुषो के पुस्तक पढ़ कर ही बिता         गोविंद ने अनेको महान पुरुषो की कहानी पढ़ी थे पर स्वामी विवेकानंद की १ ही पुस्तक उसने कहियो बार पढ़ ली थी और उससे गोविंद के मन और मगज में स्वामी विवेकानंद जैसी शक्ति पाने की इच्छा आ गयी और उसके लिए सिर्फ १ ही रास्ता था और वो था ध्यान योग का गोविन्द ध्यान योग से किस प्रकार की शक्ति मिल सकती हे उसके बारे में तो वो बचपन से हे जानता था अब वो 19 साल का हो गया था स्कूल के तरह कॉलेज में भी पढ़ने में वो बहोत अच्छा था और अब वो ध्यान योग में भी ज़्याद...

ek budhe pita ki kahani - एक बूढ़े पिता की कहानी

ek budhe pita ki kahani - एक बूढ़े पिता की कहानी             गिरनार नाम का एक शहर था। गाँव में जय नाम का एक लड़का रहता था उसका जन्म एक गरीब परिवार में हुवा था जय के घर की हालत बिलकुल भी अच्छी नहीं थी उसके पिता गाँव में छोटा मोटा काम करते और माँ गाँव मे लोगो के घर बर्तन माजने जाती थी।             जय अपने माता पिता से काफी नफरत करता था क्युकी वो लोग उसकी एक ख्वाइश भी पूरी नहीं करते थे इस लिए गुस्से में हमेंशा एक बात कहता की वो एक दिन ये घर छोड़ कर चला जायेगा और फिर कभी भी वापस नहीं आएगा। जय के माता पिता को भी दुःख होता था की वो  इच्छा पूरी कर नहीं पा रहे हे पर वो भी क्या करते उनके पास जितने भी पैसे बचते वो घर चलाने में ही निकल जाते थे। जय पढाई में काफ़ी अच्छा था वो एक बार कोई भी पुस्तक पढता फिर उसे वो पढ़ने की ज़रूरत नहीं रहती थी। पर स्कूल की फ़ीस भर ने के भी उसके माता पिता के पास पैसे नहीं थे इस लिए कभी कभी उसकी माँ घर पर ही उसे पढ़ाया करती थी पर उसे पढ़ना लिखना बहोत जल्दी आ गया था। जय का गाँव में एक बहोत अच्छा द...